कथक केन्द्र - कार्यक्रम एवं कार्यशालाएं 2019-20
ग्रीष्मकालीन कथक कार्यशाला
अकादमी कथक केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी 01 जून से 30 जून 2019 तक अर्चना तिवारी तथा नीता जोशी के निर्देशन में कार्यशाला का संचालन किया गया जिसमें लगभग 100 प्रशिक्षणार्थियों ने कथक का प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा जिसकी प्रस्तुति का मंचन 30 जून 2019 को संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह में किया गया।
कथक कार्यशाला
पद्मश्री प्रताप पवार - लंदन, प्रस्तुति - कथक रंग 07-09 अगस्त 2019
अकादमी के कथक केन्द्र की ओर से सात से नौ अगस्त तक अकादमी भवन लखनऊ में लन्दन से आये कथक गुरु पद्मश्री प्रताप पवार की तीन दिवसीय कथक कार्यशाला का आयोजन किया गया। अन्तिम दिन संत गाडगे जी महाराज पव्रेक्षागृह , गोमती नगर, लखनऊ में कार्यशाला की प्रस्तुति हुई।
कथक पल्लवः
07.11.2019 - कथक केन्द्र लखनऊ
कथक सुगंधः
28 नवम्बर 2019 - कथक सुगंध -कथक केन्द्र लखनऊ
यूथ फेस्टिवल, लखनऊ विश्वविद्यालय:
14 दिसम्बर 2019 - अकादमी के कथक केन्द्र से एक सांस्कृतिक दल ने लखनऊ विश्वविद्यालय में 14 व 15 दिसम्बर 2019 को हुए यूथ फेस्टिवल में दिनांक 14 दिसम्बर को कथक संरचनाओं की प्रस्तुति दी। कलाकारों के दल ने यहां कृष्ण वंदन कार्यक्रम अन्य कथक संरचनाओं के साथ प्रस्तुत किया।
उत्तर प्रदेश दिवस
अकादमी के कथक केन्द्र के सांस्कृतिक दल द्वारा उत्तर प्रदेश की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 24 जनवरी, 2020 को अवध शिल्प ग्राम शहीद पथ लखनऊ में हुए उत्तर प्रदेश समारोह में कथक संरचनाओं की सुंदर प्रस्तुति दी। इस पेशकश में पारम्परिक कथक संरचनाओं के साथ सूफी रचनाओं का भी समावेश था।
अवध के रंग
अकादमी कथक केन्द्र के एक सांस्कृतिक दल ने राजधानी लखनऊ के छावनी क्षेत्र के सूर्या ऑडिटोरियम में 30 जनवरी 2020 को हुए अवध के रंग शीर्षक कार्यक्रम में कथक संरचनाओं के साथ जुगलबंदी का खूबसूरत प्रस्तुतिकरण कर केन्द्र का नाम रोशन किया। इस कार्यक्रम में देश के विख्यात कलाकार सोनू निगम भी शामिल थे।
अरूणाचल प्रदेश स्थापना दिवस समारोह
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के कथक केन्द्र द्वारा 20 फरवरी 2020 को इटानगर में आयोजित समारोह में ‘गंगावतरण’ नृत्य नाटिका के साथ होली व अन्य कथक संरचनाओं की प्रस्तुति दी गई।
प्रदर्शनात्मक व्याख्यान-रामलीला:
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ के कथक केन्द्र के विद्यार्थियों के समक्ष 29 जनवरी 2020 को त्रिनिदाद से आई उत्तर भारत और मारीशस की रामलीला पर शोध करने वाली विद्वान इन्द्रानी रामप्रसाद के प्रदर्शनात्मक व्याख्यान का आयोजन किया गया। उनके साथ ही संस्कृति निदेशालय के संयुक्त निदेशक व अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डाॅ. वाई.पीसिंह ने भी भारतीय व अन्य देशों की परम्परा के प्रसंग व चित्र दर्शाते हुए अपना वक्तव्य भी रखा। सुश्री इन्द्रानी रामप्रसाद ने वीडियो व चित्र प्रदर्शित करते हुए भारत की विविधता भरी संस्कृति और परम्पराओं का देश बताया।