अकादमी स्थापना दिवस ‘‘धरोहर’’ 2021-22
उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) द्वारा 13 नवम्बर 2021 को ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ एवं ‘‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’’ के अन्तर्गत कार्यक्रम ‘‘धरोहर’’ का आयोजन सफलता पूर्वक किया गया। इस अवसर पर अकादमी के उपाध्यक्ष डॉक्टर धन्नू लाल गौतम, ब्रिगेडियर रवीन्द्र श्रीवास्तव, सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। अकादमी सचिव, श्री तरुण राज ने कहा कि 58 साल की उम्र में अकादमी युवाओं की तरह सक्रिय है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अकादमी की ऑनलाइन गतिविधियों का संस्कृति प्रेमियों ने खूब आनंद लिया। बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े और इनका अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि हमारे अभिलेखागार में दुर्लभ रिकार्डिंग सुरक्षित हैं जिसे हम अपनी वेबसाइट के जरिए संगीत प्रेमियों से साझा करते रहे हैं, साथ ही यह जानकारी भी दी कि हमारी स्टूडियो और पुस्तकालय को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है।
‘‘धरोहर’’ के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आरम्भ अकादमी के अन्तर्गत संचालित कथक केन्द्र की और से कथक नृत्य संरचनाओं एवं चौरी-चौरा काण्ड पर आधारित नृत्य संरचनाओं की प्रस्तुति में चौरी-चौरा की घटना को याद करते हुए किया गया जिसको लगभग सौ साल हो रहे हैं। क्रांतिकारियों ने इस घटना में गोरखपुर के चौरी-चौरा में पुलिस थाने आग लगा दी थी जिससे ब्रिटिश शासन घबरा गया था। ‘‘चौरी-चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास’’ गीत पर आधारित इस प्रस्तुति में कलाकारों ने अपनी सुन्दर नृत्य प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में कथक केन्द्र द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित प्रस्तुति ने भी खूब प्रभावित किया और उनमें देशभक्ति का रंग भर दिया। इन नृत्य प्रस्तुतियों का नृत्य निर्देशन श्रुति शर्मा तथा नीता जोशी द्वारा किया गया। कथक केन्द्र की नृत्य प्रस्तुतियों के अन्तर्गत ही ‘‘मणिकर्णिका’’ नृत्य नाटिका का मंचन किया गया जो रानी लक्ष्मीबाई पर आधारित था। सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता झांसी की रानी को आधार बनाकर हुई इस प्रस्तुति में रानी की वीरगाथा की प्रभावी प्रस्तुति की गई। मणिकर्णिका का निर्देशन डॉ0 सुरभि शुक्ला द्वारा किया गया। इन कार्यक्रमों में डॉ0 सुरभि शुक्ला, सुश्री श्रुति शर्मा, नीता जोशी सृष्टि प्रताप, प्रियम यादव, विधि जोशी, शिवांगी वडवाल, अनन्या कृष्ण राज, अदिति जायसवाल, अनुष्का यादव, ऐशिनी पाठक, मौसम कुमारी, रश्मि पांडेय, सताक्षी सिंह, समृद्धि सिंह ने भाग लिया। गायन कमलाकांत, तबला राजीव शुक्ला, सितार नवीन मिश्र, बांसुरी दीपेन्द्र कुंवर का रहा।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रमुख नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव ने साथी कलाकारों के साथ कथक नृत्य की मोहक प्रस्तुति की जिसमें उन्होंने आरम्भ ठुमरी ‘‘नीर भरन कैसे जाऊं सखि’’ से करते हुए मारू विहाग राग की बंदिश ‘‘जागू मैं सारी रैना’’ की प्रस्तुति दी। अपने नृत्य में उन्होंने भाव प्रदर्शन के साथ ही उठान, टुकडे़, परन का भी सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया। कार्यक्रम के समापन में उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी की चर्चित रचना ‘पुष्प की अभिलाषा’ से किया। इन नृत्य प्रस्तुतियों में शीजा राय, खुशी मौर्या, प्रीति तिवारी, आरोहिणी चौधरी ने भी भाग लिया। गायन में दिनकर द्विवेदी, तबला पर नितीश भारती, सितार पर नवीन मिश्र, बांसुरी पर दीपेन्द्र कुंवर एवं सारंगी पर जीशान ने संगत की।