अवध महोत्सव - 2021-22
दिनांक 27 मार्च, 2022
दिनांक 27.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग, उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा तीन दिवसीय ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ का आगाज हुआ।
तीन दिवसीय के इस महोत्सव की शुरुआत प्रातः 6ः00 बजे से हैरिटेज वॉक से हुई। जिसमें लखनऊ शहर के लोग शामिल हुए। इतिहासकार रवि भट्ट ने शामिल लोगों को सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़े अवधी परंपरा के किस्से सुनाये। अमीरुदौला लाइब्रेरी, सफेद बारादरी, परीखाना और सआदत अली खां के मकबरे का इतिहास बताया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर मुख्य सचिव श्री अनिल कुमार भी शामिल हुए।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में मो. नौशाद द्वारा पारम्परिक कठपुतली का प्रदर्शन किया गया। बच्चों और युवाओं ने अवधी गीतों पर नृत्य प्रस्तुति एवं अवध के पारम्परिक वेशभूषा पर आधारित प्रदर्शन भी किया गया।
सांय 5ः00 बजे से फरूवाही नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के कलाकार विजय यादव ने लोकनृत्य के माध्यम से भगवान सिया राम की गाथा का वर्णन किया। अवधी घराने के शहनाई वादन के कलाकार गुलाम मोहम्मद एवं साथियों ने अपने वादन से महोत्सव की रौनक बढ़ाई।
सायं 6ः00 बजे महोत्सव का उद्घाटन लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, पूर्व मुख्य सचिव देवेंद्र चौधरी, प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम संस्कृति एवं पर्यटन एवं संगीत नाटक अकादमी सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मुकेश मेश्राम ने कहा कि संस्कृति का लोकतंत्रीकरण करने की दिशा में संस्कृति-पर्यटन विभाग अग्रसर है। लोक संस्कृति के सरंक्षण के लिए शोध अनुदान शुरु हुआ है। मुख्य अतिथि लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि कला संस्कृति का बेजोड़ संगम है यह अवध महोत्सव। संस्कृति को गढ़ना सरकार का नहीं, हम सबका कार्य है। पहली हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसके सरंक्षण-संवर्धन के लिए आगे आएं।
महोत्सव के उद्घाटन की शाम की शुरूआत रामपुर घराने के गायक सखावत हुसैन एवं साथी ने गज़ल गायन, कुलतार सिंह एवं साथी, लखनऊ सुगम गायन, मिर्जापुर की लोक गायिका पदमश्री अजिता श्रीवास्तव एवं साथी, कजरी गायन, राईजिंग मलंग धर्मशाला हि.प्र. के कलाकारों ने सूफी गायन तथा वाराणसी के विशाल कृष्णा एवं साथियों ने कथक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रर्दशन किया।
दिनांक 28 मार्च, 2022
अवध महोत्सव की दूसरी संध्या- दिनांक 28.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग,उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में अवधी लोक गीतों पर नृत्य, कहानी पाठ एवं लेखन, अवधी व्यंजन, गायन, अवधी वाद्य यंत्रों की प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें बच्चों, युवाओं ने उत्साह दिखाते हुए अवध के पारम्परिक खान-पान को बनाकर पेश किया और उन व्यंजनों के बारे में जानकारी दी। कठपुतली कलाकार नौशाद ने पारम्परिक कठपुतली का प्रदर्शन किया और लोगों को कठपुतली की विधा से रूबरू कराया।
अकादमी परिसर में सजे विभिन्न प्रकार के अवधी व्यंजन और हस्तशिल्प प्रदर्शनी में अलग-अलग जगह से आये हस्तशिल्प कलाकारों द्वारा सजाये गए हस्तशिल्प लोगों को बहुत पसंद आये।
सायं 5:00 बजे से फरूवाही नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के कलाकार विजय यादव एवं साथियों ने फरूवाही लोक नृत्य का प्रदर्शन कर बच्चों और युवाओं को उत्साहित किया।
सायं 6:00 बजे महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार, विशिष्ट अतिथि आर.बी.आई. के जनरल मैनेजर अविनाश चन्द्र व संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्वलित कर किया।
महोत्सव की शाम की शुरुआत लखनऊ की लोक गायिका कविता सिंह एवं साथियों ने अवधी लोकगीत, जौनपुर से फौजदार सिंह एवं साथी, आल्हा गायन, मध्यप्रदेश के कलाकार प्रहलाद सिंह टिपानिया एवं साथियों ने कबीर गायन, कथक केन्द्र लखनऊ के कलाकारों ने कथक नृत्य-नाटिका रंग-ए-अवध तथा नौटंकी प्रशिक्षण केन्द्र, कानपुर के कलाकारों द्वारा नौटंकी ‘अमर सिंह राठौर’ की सफलतापूर्वक प्रस्तुति दी।
दिनांक 29 मार्च, 2022
अवध महोत्सव की तीसरी शाम- दिनांक 29.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग,उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने नृत्य, लोक गायन, लोक नृत्य, आदि प्रस्तुति दिखाई। इस विषय पर चित्रकला, काव्य पाठ एवं किस्सागोई का भी आयोजन किया गया।
सायं 5:00 बजे अयोध्या से पधारे फरूवाही लोक नर्तक दल ने अपने नृत्य का सफल प्रदर्शन किया।
आज के अवध महोत्सव में कठपुतली उत्सव का भी आयोजन किया गया। इस कठपुतली उत्सव में लखनऊ के कलाकार मेराज आलम एवं साथियों ने कठपुतली के माध्यम से ‘शहीद ऊधम सिंह’ के स्वतंत्रता आंदोलन में किये गये संघर्ष को बताया। शाहजहांपुर के कप्तान सिंह कर्णधार एवं साथियों ने ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन एक्शन घटना के किस्से को बखूबी पेश किया। वाराणसी के राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं साथियों ने जय सुभाष कठपुतली प्रस्तुति में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश के प्रति किये गये संघर्षों को बयां किया।
सायं 6:00 बजे महोत्सव का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यटन-संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री राज बिसारिया, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम एवं संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
महोत्सव की तीसरी शाम की शुरुआत लखनऊ के कलाकार कमाल खान एवं साथियों ने भजन गायन, गोण्डा से शिवपूजन शुक्ल एवं साथियों ने अवधी संस्कार गीत, मुम्बई की सोमा घोष एवं साथियों ने ठुमरी व दादरा, दिल्ली से गौरी दिवाकर एवं साथियों ने कथक नृत्य नाटिका ‘‘मुग्धा’’ एवं कार्यक्रम के आखिर में मुम्बई से अल्ताफ राजा एवं साथियों ने कव्वाली गायन से लोगों को आनंदित किया।