कार्यशालाएं 2024-25

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान, चित्रकूट, उ0प्र0 के सहयोग से श्रीमती रोज़ी दुबे के निर्देशन में कोल आदिवासी बालिकाओं हेतु 30 दिवसीय प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला का आयोजन दिनांक 08 मई, से 02 जून, 2024 तक भारत जननी परिसर रानीपुर, चित्रकूट, उ0प्र0 में किया गया। कार्यशाला समाप्ति के उपरान्त दिनांक 02 जून, 2024 को प्रतिभागियों द्वारा नाटक- ‘‘बनवासी राम’’ की सफल प्रस्तुति दी गई, जिसका आलेख, परिकल्पना एवं निर्देशन सुश्री रोज़ी मिश्रा द्वारा किया गया था।

उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ०प्र०) द्वारा ग्प्प्प् स्कूल ऑफ टैलेंट डेवलपमेंट, गाज़ियाबाद के सहयोग से दिनांक 20 मई, 20224 से 19 जून, 2024 तक तीस दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला का आयोजन श्री अक्षयवरनाथ श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल, गाज़ियाबाद में किया गया कार्यशाला समाप्ति के उपरान्त दिनांक- 22 जून, 2024 को प्रतिभागियों द्वारा (विजयदान देथा की कहानियों पर आधारित) नाटक ‘‘एक था गड़रिया’’ का मंचन दिनेश चन्द्र गर्ग सभागार, हिन्दी भवन समिति, गाज़ियाबाद में सफलतापूर्वक किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा दिनांक 27 मई से 20 जून, 2024 तक श्री गौतम सिद्धार्थ के दिशा निर्देशन में नाट्य निर्देशन कार्यशाला का आयोजन अकादमी परिसर में किया गया कार्यशाला समाप्ति के उपरान्त दिनांक 10 जुलाई, 2024 को प्रतिभागियों द्वारा नाटक ‘‘अजातघर’’ का मंचन वाल्मीकि रंगशाला में किया गया। जिसका लेखन- रामेश्वर प्रेम तथा निर्देशन- विशाल कृष्ण द्वारा किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) तथा दर्पण रंगमण्डल, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 20 जून से 19 जुलाई तक श्री विकास गौतम के दिशा निर्देशन में तीस दिवसीय प्रस्तुतिपरक नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला समाप्ति के उपरान्त दिनांक 25 जुलाई को कार्यशाला की प्रस्तुति ‘‘कमेलिया’’ (द फ्लावर ऑफ प्रॉमिस) का सफलतापूर्वक मंचन संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह में किया गया। मंचित नाटक का लेखन आसिफ अली द्वारा किया गया।

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ०प्र०) द्वारा स्वरांजलि संगीत शिक्षण संस्थान, कानपुर के सहयोग से गायन, वादन एवं कथक नृत्य की 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांकः 10 मई से 25 मई, 2024 स्वरांजलि संगीत शिक्षण संस्थान, जवाहर नगर, कानपुर में आयोजित की गई।

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ0प्र0) द्वारा अवध अकादमी इंटर कालेज लखनऊ के सहयोग से 21 दिवासीय ग्रीष्मकालीन पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांक 13 मई से 03 जून 2024 तक अवध अकादमी इंटर कालेज, बोरा पेट्रोल पंप के पास, चिनहट, लखनऊ में किया गया। जिसमें प्रशिक्षक श्री मगन मिश्रा द्वारा लोकगीत गायन का प्रशिक्षण दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा संगीत शिक्षा केन्द्र, गाज़ियाबाद के सहयोग से दिनांक 20 मई से 04 जून, 2024 तक 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शास्त्रीय संगीत गायन की प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन संगीत शिक्षा केन्द्र, वसुन्धरा गाज़ियाबाद, उ.प्र. में किया गया। इस कार्यशाला में सुश्री मुक्ता वार्ष्णेय द्वारा शास्त्रीय गायन का प्रशिक्षण दिया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा एस.बी.एम. पब्लिक स्कूल लखनऊ के सहयोग से दिनांकः 25 मई से 10 जून 2024 कथक नृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन एस बी एम पब्लिक स्कूल अमराई गांव तकरोही इन्दिरा नगर, लखनऊ में किया गया। कार्यशाला प्रशिक्षक श्री विकास पाण्डे द्वारा कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा महाराजा देवी बख्श सिंह इंटर कॉलेज गोंडा के सहयोग से संस्कार गीतों की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांक 26 मई से 9 जून 2024 तक महाराजा देवी बख्श सिंह इंटर कॉलेज, बेलसर, गोंडा में किया गया। इस कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक श्री शिव पूजन शुक्ला द्वारा प्रतिभागियों को संस्कार गीतों का प्रशिक्षण दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा संस्कार भारती जौनपुर के सहयोग से भरतनाट्यम नृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांक 29 मई से 16 जून 2024 मुक्तेश्वर धाम सभागार बी.आर.पी.इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। आयोजित कार्यशाला में प्रशिक्षिका सुश्री कनिष्का अग्रहरि द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को भरतनाट्यम नृत्य का प्रशिक्षण दिया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा हनुमत विश्व कला संगीताश्रम, अयोध्या के सहयोग से 01 जून 2024 से 15 जून 2024 तक पखावज की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन अयोध्या में किया गया। आयोजित कार्यशाला में 04 छात्राओं एवं 14 छात्रों ने कार्यशाला प्रशिक्षक श्री विजय रामदास से पखावज की शिक्षा प्राप्त की।

उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा वैष्णवी नृत्यालय, नोएडा के सहयोग से दिनांक- 01 जून 2024 से 21 जून 2024 तक वैष्णवी नृत्यालय लोटस बाउलवर्ड, नोएडा में कथक नृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे सुश्री रंजना नैब द्वारा लगभग 52 प्रतिभागियों को कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया।

उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा शिल्पायन, वाराणसी के सहयोग से दिनांक 02 जून, 2024 से 16 जून, 2024 तक उपशास्त्रीय गायन की कार्यशाला का आयोजन वाराणसी में किया गया, आयोजित कार्यशाला में 41 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर गायन का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षक श्री देवाशीष दे द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को ठुमरी, कजरी, झूला, चैती, दादरा, भाजन आदि का प्रशिक्षण कालविंट सभागार, शिल्पायान, वाराणसी में दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) द्वारा बहार सुगम संगीत प्रभाग संस्था, बाराबंकी के सहयोग से कथक नृत्य की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का आयोजन दिनांक- 04 जून 2024 से 18 जून 2024 सटी बाजार निकट अम्बे माता मंदिर, मोहल्ला पीरबटावन, बाराबंकी में आयोजित की गई। आयोजित कार्यशाला में कथक प्रशिक्षिका सुश्री रजनी वर्मा द्वारा प्रतिभागियों को कथक नृत्य की बारीकियों को समझाते हुए बच्चों को प्रशिक्षित किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी लखनऊ द्वारा अभिनव समिति भगवानपुर, वाराणसी के सहयोग से दिनांक 5 जून 2024 से 20 जून, 2024 तक ग्रीष्मकालीन ‘‘कठपुतली और मुखौटा’’ कार्यशाला का आयोजन वाराणसी में किया गया। आयोजित कार्यशाला में श्री राजेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागियों को कठपुतली एवं मुखौटा बनाने की कला सिखाई गयी। इस कार्यशाला 12 से लेकर के 40 साल तक के लोगों ने प्रतिभाग किया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा 20 दिवसीय प्रस्तुतिपरक अवधी लोक गायन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन दिनांक- 10 जून से 30 जून, 2024 तक अकादमी परिसर में किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षक श्री केवल कुमार द्वारा 42 प्रतिभागियों को अवध के लोकगायन की बारीकियो को समझाते हुए प्रशिक्षण दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा हनुमत विश्व कला संगीताश्रम, अयोध्या के सहयोग से 01 जून 2024 से 15 जून 2024 तक पखावज की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन अयोध्या में किया गया। आयोजित कार्यशाला में 04 छात्राओं एवं 14 छात्रों ने कार्यशाला प्रशिक्षक श्री विजय रामदास से पखावज की शिक्षा प्राप्त की।

उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा वैष्णवी नृत्यालय, नोएडा के सहयोग से दिनांक- 01 जून 2024 से 21 जून 2024 तक वैष्णवी नृत्यालय लोटस बाउलवर्ड, नोएडा में कथक नृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे सुश्री रंजना नैब द्वारा लगभग 52 प्रतिभागियों को कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया।

उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा शिल्पायन, वाराणसी के सहयोग से दिनांक 02 जून, 2024 से 16 जून, 2024 तक उपशास्त्रीय गायन की कार्यशाला का आयोजन वाराणसी में किया गया, आयोजित कार्यशाला में 41 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग कर गायन का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षक श्री देवाशीष दे द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को ठुमरी, कजरी, झूला, चैती, दादरा, भाजन आदि का प्रशिक्षण कालविंट सभागार, शिल्पायान, वाराणसी में दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) द्वारा बहार सुगम संगीत प्रभाग संस्था, बाराबंकी के सहयोग से कथक नृत्य की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का आयोजन दिनांक- 04 जून 2024 से 18 जून 2024 सटी बाजार निकट अम्बे माता मंदिर, मोहल्ला पीरबटावन, बाराबंकी में आयोजित की गई। आयोजित कार्यशाला में कथक प्रशिक्षिका सुश्री रजनी वर्मा द्वारा प्रतिभागियों को कथक नृत्य की बारीकियों को समझाते हुए बच्चों को प्रशिक्षित किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी लखनऊ द्वारा अभिनव समिति भगवानपुर, वाराणसी के सहयोग से दिनांक 5 जून 2024 से 20 जून, 2024 तक ग्रीष्मकालीन ‘‘कठपुतली और मुखौटा’’ कार्यशाला का आयोजन वाराणसी में किया गया। आयोजित कार्यशाला में श्री राजेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागियों को कठपुतली एवं मुखौटा बनाने की कला सिखाई गयी। इस कार्यशाला 12 से लेकर के 40 साल तक के लोगों ने प्रतिभाग किया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा 20 दिवसीय प्रस्तुतिपरक अवधी लोक गायन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन दिनांक- 10 जून से 30 जून, 2024 तक अकादमी परिसर में किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षक श्री केवल कुमार द्वारा 42 प्रतिभागियों को अवध के लोकगायन की बारीकियो को समझाते हुए प्रशिक्षण दिया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा तरंग स्कूल ऑफ म्यूज़िक, बदायूँ के सहयोग से दिनांक 08 जून से 22 जून, 2024 तक उपशास्त्रीय गायन की कार्यशाला का आयोजन किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा बनारस घराने के शहनाई वादक श्री फतेह अली खान द्वारा दिनांक- 15 जून, 2024 से 29 जून, 2024 तक पन्द्रह दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन कोदई चौकी, नई सड़क, वाराणसी उ.प्र. में किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी ,लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र. द्वारा नवरस बुंदेली लोक कला समिति, महोबा के सहयोग से आल्हा गायन की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांक -19 जून, 2024 से 30 जून, 2024 तक वीणा पाड़ी संगीत महाविद्यालय बड़ी हॉट महोबा में श्री जितेन्द्र चौरसिया के निर्देशन में किया गया।

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ.प्र.) द्वारा नक्षत्र फाउंडेशन लखनऊ के सहयोग से लोकनृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन दिनांक- 20 जून, 2024 से 10 जुलाई, 2024 पी.डब्लू.डी. कालोनी, राजेंद्र नगर लखनऊ में किया गया। जिसमें डॉ0 ऋचा आर्या द्वारा प्रतिभागियों को लोकनृत्य का प्रशिक्षण दिया गया।

उ०प्र० संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ०प्र०) द्वारा नटराज संगीत महाविद्यालय, बांदा के सहयोग से 10 जून से 25 जून, 2024 तक ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक सुगम संगीत एवं कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन नटराज संगीत महाविद्यालय, कालू कुआं बांदा उ0प्र0 में किया गया। आयोजित कार्यशाला में बतौर गायन प्रशिक्षक श्री विजय सेन तथा कथक प्रशिक्षक श्री राम प्रकाश मिश्रा ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

उ०प्र० संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग उ०प्र०) द्वारा एम.एल.एम. इंटर कॉलेज, लखनऊ के सहयोग से 10 जून से 30 जून, 2024 तक लोकनृत्य की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला का आयोजन एम.एल.एम. इंटर कॉलेज, निकट आई.ई.टी. इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, लखनऊ में किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षिका सुश्री मंजू सिंह द्वारा प्रतिभागियों को लोकनृत्य का प्रशिक्षण दिया गया।

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा अपनी नियमित गतिविधि के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशालाओं का आयोजन दिनांक 01 जून से 30 जून, 2024 के मध्य किया गया। इस वर्ष प्रथम बार कथक नृत्य के साथ साथ शास्त्रीय गायन, तबला वादन, लोक गीत गायन, ढोलक वादन की कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया। इन सभी कार्यशालाओं में लगभग हर उम्र के प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसमें 04 वर्ष से लेकर 70 वर्ष के प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें शास्त्रीय गायन में 34 प्रतिभागी, तबला वादन में 10 प्रतिभागी, लोक गायन में 42 प्रतिभागी, ढोलक वादन में 32 प्रतिभागी, तथा कथक नृत्य में 160 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। कथक नृत्य की तीन वर्गों में कुल 09 प्रस्तुतियां हुईं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पद्मश्री डॉ0 विद्या विन्दु सिंह, मुख्य अतिथि श्री जे.पी.सिंह, सलाहकार संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, उ0प्र0, विशिष्ट अतिथि डॉ0 पूर्णिमा पाण्डे, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना, अकादमी निदेशक डॉ0 शोभित कुमार नाहर तथा ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ0 देवेंद्र त्रिपाठी जी द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।

कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति डॉ0 अंजनी कुमार मिश्र के निर्देशन में हुई जिसमें प्रतिभागियों ने राग यमन में सरस्वती वंदना और बंदिश ‘‘ए री आली पिया बिन’’ के साथ ‘‘कजरी बरसन लागि बदरिया’’ की प्रस्तुति दी गई।

तत्पश्चात तबले में डॉ. पवन कुमार तिवारी के निर्देशन में तीन ताल में कायदा, तिहाई तथा रूपक ताल में रामधुन की विशेष प्रस्तुति दी।
तीसरी प्रस्तुति श्री केवल कुमार के निर्देशन में प्रतिभागियों ने विरह गीत ‘‘नाही मारो नयनवा से तीर मोरी गोरिया’’ और मेला गीत ‘‘गाड़ी हौले चलाओं गाड़ीवान’’ तथा ‘काले मेघा पानी दे’ की प्रस्तुति दी गई।

इसके उपरान्त डॉ0 श्रीकान्त शुक्ल के निर्देशन में ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी और गणेश आरती पर ताल कहरवा और ख़माज की सुन्दर प्रस्तुतियां दी गई।

अन्त में कथक नृत्य के प्रतिभागियों द्वारा भजन ‘‘बाजे रे मुरलियां बाजे’, ’’गुरू चरणन शीश नवाऊं,’’ तीसरी प्रस्तुति ‘कान्हा रे नन्द नन्दन’ प्रस्तुत किया गया जिसमें टुकड़े कवित्त, तिहाई आदि का समावेश किया गया था। इसके पश्चात् ‘ऐसे हैं मेरे राम’, बंदिश ‘‘रसिया को नारी बनाओ री’’, ‘‘कहूं कैसे सखी मोहि लाज लागे’’ के उपरान्त ‘‘शंकर अति प्रचंड’’, अगली प्रस्तुति में कथक के माध्यम से ‘‘काली अवतरण’’ को दर्शाया गया जिसमें रक्तबीज द्वारा पृथ्वी पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए दुर्गा जी द्वारा काली का अवतार लेकर रक्तबीज के संघार को इस प्रस्तुति माध्यम से दर्शाया गया। कार्यक्रम का समापन बिरजू महाराज जी की रचना ‘‘अर्धांग भस्म भभूत सहे अर्ध मोहिनी रूप है’’ में कुछ पारम्परिक बंदिशों परन, परमेलू, कवित्त तिहाईयों के समावेश के साथ किया गया। कथक नृत्य की प्रस्तुतियों का निर्देशन सुश्री श्रुति शर्मा, सुश्री नीता जोशी तथा सुश्री मंजू मलकानी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तुतियों के उपरान्त डॉ0 पूर्णिमा पाण्डे, डॉ0 देवेंद्र त्रिपाठी एवं अकादमी निदेशक, डॉ0 शोभित कुमार नाहर द्वारा सभी गुरुओं (श्री केवल कुमार, डॉ0 अंजनी कुमार मिश्रा, डॉ0 पवन कुमार, डॉ0 श्रीकांत शुक्ल, सुश्री श्रुति शर्मा, सुश्री नीता जोशी, सुश्री मंजू मलकानी) को सम्मानित कर प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गए। अन्त में अकादमी निदेशक डॉ0 शोभित कुमार नाहर द्वारा कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।