नमन 2024-25

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ एवं कथक केन्द्र द्वारा कथक केन्द्र के संस्थापक, निदेशक एवं सुविख्यात कथकाचार्य पं. लच्छू महाराज जी की स्मृति में दो दिवसीय पारम्परिक कथक नृत्य कार्यक्रम ‘‘नमन’’ परम्परा कथक की.... का आयोजन दिनांक 31 अगस्त एवं 01 सितम्बर, 2024 को संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह में किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन दिवस 31 अगस्त, 2024 को मुख्य अतिथि के रूप में भातखण्डे की कुलपति प्रो0 माण्डवी सिंह और विशिष्ट अतिथि लोक गायिका मालिनी अवस्थी एवं वरिष्ठ कथक नृत्यांगना डॉ0 पूर्णिमा पाण्डे, क्षेत्रीय ललित कला अकादमी के सचिव डॉ0 देवेन्द्र त्रिपाठी, अकादमी निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर तथा अन्य वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आरम्भ कथक केन्द्र, लखनऊ के बाल कलाकारों द्वारा सुश्री रजनी वर्मा के निर्देशन में कृष्ण वन्दना ‘भजे बृज एक मंडलम, समस्त पाप खण्डन से हुई। तत्पश्चात् सुश्री मंजू मलकानी के निर्देशन में बच्चों ने पारम्परिक कथक के साथ प्रसिद्ध लोकगीत ‘रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे, मोहे मारे नज़रिया सांवरिया रे’.... पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी। इसके बाद नई दिल्ली की सुश्री गौरी दिवाकर ने गणेश वन्दना ‘अज वदन विघ्न गजानन गणपतये हरे...’ पर पारम्परिक कथक में तीन ताल की प्रस्तुति दी। तत्पश्चात वाराणसी से आये श्री रूद्र शंकर मिश्र ने कृष्ण वन्दना ‘तांडव गति मुंडन पे नाचत गिरिधारी’ से शुरूआत कर तीन ताल में निबद्ध बनारस घराने की बंदिश ‘‘घिर आयी है कारी बदरिया’’ से पं. लच्छू महाराज को कथकांजलि पेश की। इसके उपरान्त दिल्ली से पधारी सुश्री विधा लाल ने पारम्परिक कथक नृत्य के माध्यम से भगवान विष्णु और शिव की स्तुति पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति में श्री राम मोहन महाराज व श्री कृष्ण मोहन महाराज, दिल्ली ने युगल नृत्य में लखनऊ के पारम्परिक कथक की प्रस्तुति दर्शकां को आनन्दित किया।

“नमन“ कार्यक्रम की द्वितीय संध्या दिनांक 01 सितम्बर, 2024 को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विशेष सचिव, संस्कृति रवीन्द्र कुमार, अपर निदेशक, संस्कृति दिलीप कुमार गुप्ता, निदेशक, अभिलेखागार अमित कुमार अग्निहोत्री, क्षेत्रीय सचिव, ललित कला केंद्र, डॉ0 देवेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना डा0 पूर्णिमा पांडे तथा उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर व अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहे।

दीप प्रज्वलन के उपरान्त कार्यक्रम का शुभारम्भ लच्छू महाराज बैले फाउंडेशन लखनऊ के कलाकारों द्वारा कृष्णायन की प्रस्तुति की गई जिसका निर्देशन कथक नृत्यांगना सुश्री कुमकुम आदर्श द्वारा किया गया। इस कथक की प्रस्तुति ने इस सबका मन मोह लिया वहीं कथक केन्द्र, लखनऊ की प्रस्तुति सुश्री श्रुति शर्मा के निर्देशन में शंकर गिरिजापति महादेव और ठुमरी प्रस्तुति की गई और पं लच्छू महाराज जी को नमन किया। लखनऊ से श्री अनुज मिश्रा एवं सुश्री स्मृति मिश्रा ने शिव द्रुपद, पारंपरिक नृत्य, गीतोपदेश, गति के माध्यम से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके बाद दिल्ली से आए दीपक महाराज ने ‘‘श्याम छवि अति बनी’’, पारंपरिक नृत्य, जुगल बंदी और अंतिम प्रस्तुति ठुमरी से कार्यक्रम का समापन किया। इसके बाद वाराणसी के श्री ओम प्रकाश मिश्रा द्वारा विष्णु वंदना, पारंपरिक नृत्य, अंत में बैठकी भाव से पं लच्छू महाराज जी को नमन किया गया । उसके बाद कोलकाता से सुश्री मालविका मित्रा जी ने पारंपरिक नृत्य से महाराज जी को नमन किया। इन सभी कलाकारों की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम जीवंत हो उठा ।

कार्यक्रम के समापन पर लोगों ने पं लच्छू महाराज जी को नमन किया साथ कि कार्यक्रम “नमन“ की प्रशंसा की व सभी कलाकारों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा की व शुभकामनाएं दी।