नमन 2021-22

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा कथक केन्द्र के संस्थापक, निदेशक एवं कथक सम्राट पं. लच्छू महाराज जी की जयंती के अवसर पर ‘नमन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। "आजादी का अमृत महोत्सव" आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत कथकाचार्य पं0 लच्छू महाराज की जयंती पर क्रान्तिकारियों के बलिदान को याद करते हुए आज़ादी के जष्न के उत्साह से भरी प्रस्तुतियों के साथ कृष्ण भक्ति के रंग में रंगी हुई प्रस्तुतियों द्वारा कथकांजलि अर्पित की गयी।

इस अवसर पर अकादमी के उपाध्यक्ष श्री धन्नू लाल गौतम ने माल्यार्पण करते हुए कथक के क्षेत्र में लच्छू महाराज के योगदान की चर्चा की, अकादमी सचिव श्री तरुण राज ने बताया कि मुंबई में रहकर फिल्मों के लिए यादगार निर्देशन देने वाले पं0 लच्छू महाराज लखनऊ लौटे और 1972 में अकादमी के अंतर्गत स्थापित कथक केन्द्र के निदेशक रहे। कार्यक्रम की दूसरी संध्या कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा संस्थापक निदेशक पं. लच्छू महाराज जी की जयंती पर उन्हें भावांजलि पेश की गयी। आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन की इस कड़ी के अन्तर्गत दूसरे दिन दिनांक 01 सितम्बर, 2021 को पुनः मातृभूमि और स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी कुर्बानियों का स्मरण कथक संरचनाओं से कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कथक गुरू की प्रतिमा पर उनकी वरिष्ठ शिष्या डॉ0 कुमकुम धर व अकादमी सचिव श्री तरूण राज ने माल्यार्पण करके किया। इस अवसर पर सचिव श्री तरूण राज और पं0 लच्छू महाराज की शिष्या डा. कुमकुम धर ने लास्य सम्राट स्वर्गीय पं. लच्छू महाराज के व्यक्तितत्व और उनकी यादों को साझा किया।

दिनांक

कार्यक्रम/समारोह

कलाकार/संस्था

स्थान

31 अगस्त, 2021

कथक संरचनाएं 
रानी लक्ष्मीबाई
नैहर छूटो जाय

कथक केन्द्र, लखनऊ
देविका (देवेन्द्र एस. मंगलामुखी,) जयपुर
सुरभि सिंह व साथी, लखनऊ

संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह

01 सितम्बर, 2021

कथक संरचनाए
अलख आज़ादी की
नमामि् मातृभूमि

कथक केन्द्र, लखनऊ
मनीषा मिश्रा, लखनऊ
 नुपुरम् लखनऊ

संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा दिनांक 31.अगस्त एवं 01 सितम्बर, 2021 को कथक केन्द्र के संस्थापक, निदेशक एवं कथक सम्राट पं. लच्छू महाराज जी की जयंती के अवसर पर दो दिवसीय ‘नमन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत कथकाचार्य पं0 लच्छू महाराज की जयंती पर क्रान्तिकारियों के बलिदान को याद करते हुए आज़ादी के जश्न के उत्साह से भरी प्रस्तुतियों के साथ कृष्ण भक्ति के रंग में रंगी हुई प्रस्तुतियों द्वारा कथकांजलि अर्पित की गयी।

- प्रथम दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर 31 अगस्त,2021 को अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ0 धन्नू लाल गौतम ने माल्यार्पण करते हुए कथक के क्षेत्र में लच्छू महाराज के योगदान की चर्चा की, अतिथि के तौर पर उपस्थित पं. लच्छू महाराज की शिष्या कुमकुम आदर्श ने गुरु के साथ चंद स्मरणों को साझा किया। अकादमी सचिव श्री तरूण राज ने बताया कि मुम्बई में रहकर फिल्मों के लिए यादगार निर्देशन देने वाले पं0 लच्छू महाराज लखनऊ लौटे और 1972 में अकादमी के अंतर्गत स्थापित कथक केन्द्र के निदेशक रहे।कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कथक केन्द्र की छात्राओं ने गुरुअभिनन्दन के भावों में पगी रचना- जो गुरु कृपा करे......प्रस्तुत की कमलाकांत के संगीत गायन व माखनलाल चतुर्वेदी जी द्वारा रचित पुष्प की अभिलाषा गीत चाह नही है...... को भी छात्राओं ने बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

पं0 अर्जुन मिश्र की शिष्या सुरभि सिंह ने तीन ताल में परम्परागत नृत्य करने के साथ-साथ लखनऊ घराने की कुछ ख़ास बंदिशों को प्रस्तुत किया और आज़ादी के 75वें वर्ष के अवसर पर अपनी जोशीली प्रस्तुति दिन दूर नहीं खण्डित भारत को पुनः अखण्ड बनाएगे, गिलगित से गारी पर्वत तक आज़ादी का जश्न मनाएंगे जैसी रचना प्रस्तुत की।

- द्वितीय दिवस 01 सितम्बर, 2021 को कार्यक्रम की दूसरी संध्या को पुनः मातृभूमि और स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी कुर्बानियों का स्मरण कथक संरचनाओं से कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कथक गुरू की प्रतिमा पर उनकी वरिष्ठ शिष्या डॉ0 कुमकुम धर व अकादमी सचिव श्री तरूण राज ने माल्यार्पण करके किया। इस अवसर पर सचिव श्री तरूण राज और पं0 लच्छू महाराज की शिष्या डा. कुमकुम धर ने लास्य सम्राट स्वर्गीय पं. लच्छू महाराज के व्यक्तितत्व और उनकी यादों को साझा किया।

सुश्री श्रुति शर्मा के निर्देशन में अकादमी कथक केन्द्र की छात्राओं द्वारा कार्यक्रम की दूसरी संध्या का आरम्भ गुरु की वन्दना भरे श्लोक- मंत्र सत्यम पूजा सत्यम सत्यमेव निरंजनम् की रचना से की, इसी क्रम में मातृ वन्दना के शुद्ध सुन्दर अति मनोहर......जैसे शब्दों के साथ तीन ताल व धमार ताल में नृत्य करते हुए थट, आमद, उठान, टुकड़े, बंदिश तिहाई, नटवरी, परमेलु, परन, जुगलबंदी इत्यादि की प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। लखनऊ व बनारस घराने का प्रतिनिधित्व करने वाली पं0 अर्जुन मिश्र की षिष्या मनीषा मिश्रा ने हरिवंश राय बच्चन की देशप्रेम के भावों और गोपाल प्रसाद व्यास की स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान से भरी रचनाओं पर आधारित प्रस्तुति मंच पर प्रस्तुत की। कथक के गढ़ लखनऊ की कला नुपुरम के कलाकारों ने नृत्याचार्य पं. लच्छू महाराज की षिष्या डॉ. कुमकुम धर के नृत्य निर्देशन में मातृभूमि को नमन करते हुए ओज भरी संरचनाओं की प्रस्तुति नमामि मातृभूमि को मंच पर प्रस्तुत किया।